सूचना सुरक्षा –
सूचना सुरक्षा अनधिकृत पहुँच, उपयोग, प्रकटीकरण, विघटन, संशोधन, अवलोकन, निरीक्षण और विनाश से जानकारी की रक्षा करने की प्रथा है।
सूचना आश्वासन –
सबसे अधिक जानकारी हमारे आधुनिक युग में कंप्यूटर पर संग्रहीत किया जाता है।
सूचना सुरक्षा जागरुकता –
साइबर सुरक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका निरंतर चलती रहेगी, लोगों में प्रारंभ और बढावा देने के लिए एवं विद्यमान जागरूकता और प्रयास उन तक पहुँचाने के लिए साइबर सुरक्षा जागरूकता की एक विशाल भूमिका रही है और आगे भी रहेगी। क्षेत्र या आकार का विचार किये बिना, प्रत्येक नागरिक, सभी स्तरों की सरकार, शिक्षा संस्थान और उद्योगों को सुरक्षित साइबरस्पेस को बढावा देना चाहिये/समर्थन करना चाहिये। समाधान में समाविष्ट प्रमुख स्टेकहोल्डर्स की सूची असीमित है और इसीलिये, समस्या का समाधान व्यवस्थित सार्वजनिक-निजी सहभागिता के परिणाम के रूप में सामने आएगा।
संपूर्ण देश में जनसाधारण, शिक्षा संस्थान और निजी उद्योगों को साइबर सुरक्षा और साइबर सुरक्षा को बढावा देने में उनकी भूमिका के प्रति एक राष्ट्रीय जागरूकता अभियान और एक रणनीति चलाने की आवश्यकता है। पाठशाला के विद्यार्थी, शिक्षकगण और पाठशालाऍं तथा विद्यापीठ इन सब की भूमिका को पहचानते हुए, उन सब तक साइबर सुरक्षा पहुँचाने के लिए एक रणनीति बनाई गई है। साथ ही, हमें प्रत्येक समर्पित राज्य और स्थानीय जनसेवकों को, जिन्होंने राज्य और स्थानीय सरकारी एजेंसियों में साइबर सुरक्षा जागरूकता को बढावा देने का उत्तरदायित्व बाँटा है, संगठित करना होगा।
सूचना प्रौद्योगिकी –
सूचना प्रौद्योगिकी आँकड़ों की प्राप्ति, सूचना संग्रह, सुरक्षा, परिवर्तन, आदान-प्रदान, अध्ययन, डिज़ाइन आदि कार्यों तथा इन कार्यों के निष्पादन के लिये आवश्यक कंप्यूटर हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर अनुप्रयोगों से संबंधित (सम्बन्धित) है। सूचना प्रौद्योगिकी, वर्तमान समय में वाणिज्य और व्यापार का अभिन्न अंग बन गयी है। संचार क्रान्ति के फलस्वरूप अब दूरसंचार को भी सूचना प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख घटक माना जाने लगा है और इसे सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी भी कहा जाता है। एक उद्योग के तौर पर यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है।
परिभाषा –
1. सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित (सम्बन्धित) संक्षिप्त विश्वकोश में –
सूचना प्रौद्योगिकी को सूचना से संबद्ध (सम्बद्ध) माना गया है। इस प्रकार के विचार कंप्यूटिंग (कम्प्यूटिंग) का शब्दकोश (डिक्शनरी ऑफ़ कंप्यूटिंग (कम्प्यूटिंग)) में भी व्यक्त किए गए है। ‘मैकमिलन डिक्शनरी ऑफ़ इनफ़ोर्मेशन टेक्नोलाॅजी’ में सूचना प्रौद्योगिकी को परिभाषित करते हुए यह विचार व्यक्त किया गया है कि कंप्यूटिंग (कम्प्यूटिंग) और दूरसंचार के संमिश्रण पर आधारित माईक्रो-इलेक्ट्रानिक्स द्वारा मौखिक, चित्रात्मक, मूलपाठ विषयक और संख्या संबंधी (सम्बन्धी) सूचना का अर्जन, संसाधन (प्रोसेसिंग), भंडारण (भण्डारण) और प्रसार है।
2. अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी को इन शब्दों मे परिभाषित किया गया है-
सूचना प्रौद्योगिकी का अर्थ है, सूचना का एकत्रिकरण, भंडारण (भण्डारण), प्रोसेसिंग, प्रसार और प्रयोग। यह केवल हार्डवेयर अथवा सॉफ़्टवेयर तक ही सीमित नहीं है। बल्कि इस प्रौद्योगिकी के लिए मनुष्य की महत्ता और उसके द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना, इन विकल्पों के निर्माण में निहित मूल्य, यह निर्णय लेने के लिए प्रयुक्त मानदंड (मानदण्ड) है कि क्या मानव इस प्रौद्योगिकी को नियंत्रित (नियन्त्रित) कर रहा है। और इससे उसका ज्ञान संवर्धन रहा है।
3. युनेस्को के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी की परिभाषा –
सूचना प्रौद्योगिकी, “वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीय और इंजीनियरिंग विषय है। और सूचना की प्रोसेसिंग, उनके अनुप्रयोग की प्रबंध तकनीकें है। कंप्यूटर (कम्प्यूटर) और उनकी मानव तथा मशीन के साथ अंत:क्रिया एवं संबद्ध (सम्बद्ध) सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक विषय।
सूचना प्रौद्योगिकी के कारक –
· अर्धचालक प्रौद्योगिकी : परिपथों का लघुकरण, कम्प्यूटिंग शक्ति में वृद्धि, उन्नत क्षमता युक्त एकीकृत परिपथों का विकास
· सूचना भण्डारण : आंकडा भण्डारण क्षमता में अत्यधिक वृद्धि हुई है।
· नेटवर्किंग : प्रकाशीय तंतुओं (आप्टिकल फाइबर) का तकनीकी में अत्यधिक विकास होने के कारण नेटवर्किंग सस्ती, तेज और आसान हो गयी है।
· साफ्टवेयर तकनीकी : नित नए-नए और उपयोगी साफ्टवेयरों के आने से सूचना प्रौद्योगिकी और अधिक उपयोगी बन गयी है।
सूचना प्रौद्योगिकी का महत्त्व –
· सूचना प्रौद्योगिकी, सेवा अर्थतंत्र (Service Economy) का आधार है।
· पिछड़े देशों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए सूचना प्रौद्योगिकी एक सम्यक तकनीकी (appropriate technology) है।
· गरीब जनता को सूचना-सम्पन्न बनाकर ही निर्धनता का उन्मूलन किया जा सकता है।
· सूचना-संपन्नता (सूचना-सम्पन्नता) से सशक्तिकरण होता है।
· सूचना तकनीकी, प्रशासन और सरकार में पारदर्शिता लाती है, इससे भ्रष्टाचार को कम करने में सहायता मिलती है।
· सूचना तकनीक का प्रयोग योजना बनाने, नीति निर्धारण तथा निर्णय लेने में होता है।
· यह नये रोजगारों का सृजन करती है।
· सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता से सरकारी नीतियों को असरदार बनाया जा सकता है।
सूचना प्रौद्योगिकी के विभिन्न घटक –
· कंप्यूटर हार्डवेयर प्रौद्योगिकी –
इसके अन्तर्गत माइक्रो-कम्प्यूटर, सर्वर, बड़े मेनफ्रेम कम्प्यूटर के साथ-साथ इनपुट, आउटपुट एवं संग्रह (storage) करने वाली युक्तियाँ (devices) आतीं हैं।
· कंप्यूटर साफ्टवेयर प्रौद्योगिकी –
इसके अन्तर्गत प्रचालन प्रणाली (Operating System), वेब ब्राउजर, डेटाबेस प्रबन्धन प्रणाली (DBMS), सर्वर तथा व्यापारिक/वाणिज्यिक साफ्टवेयर आते हैं।
· दूरसंचार व नेटवर्क प्रौद्योगिकी –
इसके अन्तर्गत दूरसंचार के माध्यम, प्रक्रमक (Processor) तथा इंटरनेट से जुडने के लिये तार या बेतार पर आधारित साफ्टवेयर, नेटवर्क-सुरक्षा, सूचना का कूटन (क्रिप्टोग्राफी) आदि हैं।
· मानव संसाधन –
तंत्र प्रशासक (System Administrator), नेटवर्क प्रशासक (Network Administrator) आदि।
सूचना प्रौद्योगिकी का प्रभाव –
सूचना प्रौद्योगिकी ने पूरी धरती को एक गाँव बना दिया है। इसने विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं को जोड़कर एक वैश्विक अर्थव्यवस्था को जन्म दिया है। यह नवीन अर्थव्यवस्था अधिकाधिक रूप से सूचना के रचनात्मक व्यवस्था व वितरण पर निर्भर है। इसके कारण व्यापार और वाणिज्य में सूचना का महत्व अत्यधिक बढ गया है। इसीलिए इस अर्थव्यवस्था को सूचना अर्थव्यवस्था (Information Economy) या ज्ञान अर्थव्यवस्था (Knowledge Economy) भी कहने लगे हैं। वस्तुओं के उत्पादन (manufacturing) पर आधारित परम्परागत अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ती जा रही है और सूचना पर आधारित सेवा अर्थव्यवस्था (service economy) निरन्तर आगे बढती जा रही है।
सूचना प्रौद्योगिकी का भविष्य –
सूचना के महत्व के साथ सूचना की सुरक्षा का महत्व भी बढ़ेगा। सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े कार्यों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, विशेष रूप से सूचना सुरक्षा एवं सर्वर के विशेषज्ञों की मांग बढ़ेगी।
गोपनीयता –
गोपनीयता कई व्यAवसायों (जैसे, चिकित्सा कानून, धर्म, व्यावसायिक मनोविज्ञान और पत्रकारिता) से जुड़ा एक नैतिक सिद्धांत है। नैतिकता और (कुछ स्थानों में) कानून में और कानूनी विवाद संकल्प के वैकल्पिक रूपों जैसे, मध्यस्थता में, किसी व्यक्ति और इनमें से किसी पेशेवर के बीच हुए किसी प्रकार का संवाद “विशेषाधिकार” है और तृतीय पक्ष के साथ इसकी चर्चा या इसे बताया नहीं जाना चाहिए. उन न्यायाधिकारों में जहां कानून ऐसी गोपनीयता का प्रावधान करता है, वहाँ आमतौर पर इसके उल्लंघन के लिए दंड दिया जाता है।
ISO-17799 में अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO) द्वारा गोपनीयता को इस प्रकार परिभाषित किया गया है[1] – “यह सुनिश्चित करें कि जानकारी केवल उन्हें दी जाए जो इसे पाने के लिए अधिकृत हैं” और सूचना सुरक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है। गोपनीयता कई क्रिप्टोसिस्टम के लिए डिजाइन लक्ष्य है, जिसे आधुनिक क्रिप्टोग्राफी की तकनीकों द्वारा संभव बनाया जा सकता है।
सेना की पारंपरिक “जानने-की-आवश्यकता” सिद्धांत के अनुकूलन में लागू, सूचना की गोपनीयता आज के निगमों में सूचना सूरक्षा के लिए मील का पत्थर बनाता है। तथाकथित ‘गोपनीयता बुलबुला, नकारात्मक और सकारात्मक दोनों परिणामों के साथ सूचना के प्रवाह को सीमित करता है।
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी –
भाषा, अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। भाषा मानव जीवन का अभिन्न अंग है। संप्रेषण के द्वारा ही मनुष्य सूचनाओं का आदान प्रदान एवं उसे संग्रहित करता है। सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक अथवा राजनीतिक कारणों से विभिन्न मानवी समूहों का आपस में संपर्क बन जाता है। गत शताब्दी में सूचना और संपर्क के क्षेत्र में अद्भुत प्रगति हुई है। इलेक्ट्रानिक माध्यम के फलस्वरूप विश्व का अधिकांश भाग जुड़ गया है।
सूचना प्रौद्योगिकी क्रान्ति ने ज्ञान के द्वार खोल दिये है। बुद्धि एवं भाषा के मिलाप से सूचना प्रौद्योगिकी के सहारे आर्थिक संपन्नता की ओर भारत अग्रसर हो रहा है। इंटरनेट द्वारा डाक भेजना, इलेक्ट्राॅनिक वाणिज्य, संभव हुआ है। ऑनलाईन सरकारी कामकाज विषयक ई-प्रशासन, ई-बैंकिंग द्वारा बैंक व्यवहार ऑनलाईन, शिक्षासामग्री के लिए ई-एज्यूकेशन आदि माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी का विकास हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी के बहुआयामी उपयोग के कारण विकास के नये द्वार खुल रहे हैं।
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। इस क्षेत्र में विभिन्न प्रयोगों का अनुसंधान करके विकास की गति को बढाया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी में सूचना, आँकडे (डेटा) तथा ज्ञान का आदान प्रदान मनुष्य जीवन के हर क्षेत्र में फैल गया है। हमारी आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, व्यावसायिक तथा अन्य बहुत से क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी का विकास दिखाई पड़ता है। इलेक्ट्रानिक तथा डिजीटल उपकरणों की सहायता से इस क्षेत्र में निरंतर प्रयोग हो रहे हैं।
आर्थिक उदारतावाद के इस दौर के वैश्विक ग्राम (ग्लोबल विलेज) की संकल्पना संचार प्रौद्योगिकी के कारण सफल हुई है। इस नये युग में ई-कॉमर्स, ई-मेडीसिन, ई-एज्यूकेशन, ई-गवर्नंस, ई-बैंकिंग, ई-शॉपिंग आदि इलेक्ट्रानिक माध्यमों का विकास हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी आज शक्ति एवं विकास का प्रतीक बनी है। कंप्यूटर युग के संचार साधनों में सूचना प्रौद्योगिकी के आगमन से हम सूचना समाज में प्रवेश कर रहे हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के इस अधिकतम देन के ज्ञान एवं इनका सार्थक उपयोग करते हुए, उनसे लाभान्वित होने की सभी को आवश्यकता है।
By Chanchal Sailani | December 20, 2022, | Editor at Gurugrah_Blogs.
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