पढ़ने की तकनीक –
यदि आपको बहुत कुछ पढ़ना है तो यह आपके लिए दिलचस्प हो सकता है। यहां, हम आपको पढ़ने की तकनीक से परिचित कराते हैं। कृपया ध्यान दें, कि हर तकनीक हर किसी के लिए या हर प्रकार के टेक्स्ट के लिए उपयोगी नहीं है।
तकनीक का यूज कर आप कर सकते हैं परीक्षा की तैयारी –
परीक्षा की तैयारी के दौरान पढ़ाई का वह तरीका अपनाना चाहिए, जो न केवल आपके समय और मेहनत की बचत करे, बल्कि पढ़ाई के उद्देश्य विशेष के लिए पूरी तरह कारगर भी हो। आधुनिक रिसर्च में आजमाई गई पढ़ने की विशेष तकनीके अपनाकर परीक्षा की तैयारी को सफलता के मुकाम तक पहुंचाया जा सकता है।
1. स्कीमिंग यानी सरसरी नजर
2. स्कैनिंग यानी परीक्षण
3. सक्रिय पढ़ना
4. विस्तृत पढ़ना
5. रिवीजन रीडिंग
6. जल्दी पढ़ना
1. स्कीमिंग यानी सरसरी नजर –
किसी सामग्री की मोटे तौर पर जानकारी लेने या उसका सारांश जानने के लिए, पढ़ाई की स्कीमिंग तकनीक सबसे कारगर है, जिससे पूरी किताब पढ़ने में लगने वाले समय के 10-15 प्रतिशत भाग में ही टेस्टका 50 प्रतिशत तक जाना जा सकता है।
इस तकनीक में पहले किताब की विषय सूची को पढ़ा जाता है। इसके बाद भूमिका, इंडेक्स और पाठों के कुछ शीर्षक पढ़े जाने चाहिए। फिर उस पाठ का पहला और आखिरी पैराग्राफ और बाद में हर पैराग्राफ की पहली और आखिरी लाइन।
इसके अलावा यदि कोई डायग्राम, आंकड़ा या विशेष तथ्य दिया हुआ है, तो उसे भी पढ़ना चाहिए। ऐसा करने से उस किताब या विषय की मूल विषय-वस्तु की तस्वीर दिमाग में अंकित हो जाती है, जो परीक्षा के निबंधात्मक सवालों के अलावा समझ पर आधारित सवालों के लिए जरूरी है।
2. स्कैनिंग यानी परीक्षण –
जिस तरह किसी किताब का सामान्य आइडिया जानने के लिए स्कीमिंग तकनीक अपनाई जाती है, उसी तरह किसी किताब से कोई संक्षिप्त सूचना खोजने के लिए स्कैनिंग तकनीक काम में ली जाती है।
इसके अलावा यह हमें उस सोर्स को खोजने में भी मदद करती है, जो हमारे किसी उद्देश्य विशेष के लिए उपयोगी है। इस तकनीक में पेज विशेष पर कोई शब्द, वाक्यांश या आंकड़ा खोजने के लिए आंखों को तेजी से घुमाना होता है। स्कैनिंग करते समय सबसे पहले लेखक के संगठकों के प्रयोग देखें, जैसे- नंबर, अक्षर, स्टेप्स या शब्द।
उन शब्दों को देखें जो बोल्ड, तिरछे या अलग-अलग फोन्ट साइज, स्टाइल या रंग में हैं। कभी-कभी लेखक मुख्य विचारों को पेज के हाशिए पर भी दे सकता है। इसके बाद चाही गई सामग्री से संबंधित पाठ या सेक्शन के शीर्षक, उप-शीर्षक या स्थानों को ढूंढ़कर पढ़ा जा सकता है।
3. सक्रिय पढ़ना -
जब आप वास्तव में पाठ को समझना चाहते हैं, तो आपको इसे सक्रिय रूप से पढ़ना होगा। इसके आसपास कोई रास्ता नहीं है। स्कैनिंग और स्किमिंग केवल इतना ही कर सकते हैं लेकिन गहराई से धारणा प्राप्त करने के लिए आपको सक्रिय रूप से पढ़ना होगा।
4. विस्तृत पढ़ना -
यह तकनीक वास्तव में स्किमिंग और एक्टिव रीडिंग का संयोजन है। आप पहले किसी पाठ को स्किम करते हैं और फिर आप उसके बारे में विस्तार से पढ़ते हैं। हर एक शब्द पर ध्यान देना और पाठ से महत्वपूर्ण जानकारी निकालना।
5. जल्दी पढ़ना –
यहां, आप केवल पाठ की समझ खोए बिना अपनी पढ़ने की गति में सुधार करने का प्रयास करते हैं। यह काफी कठिन है और इसके लिए काफी अभ्यास की जरूरत होती है। स्पीड रीडिंग के मुख्य पहलू हैं:
6. रिवीजन रीडिंग –
जल्दी-जल्दी पढ़ने से संबंधित यह तकनीक उस सामग्री के लिए काम में ली जाती है, जिससे आप पहले से ही परिचित हैं, लेकिन अपनी समझ या जानकारी को पुख्ता करना चाहते हैं। इसमें छोटे-छोटे सिस्टम कार्ड पर किसी सामग्री को शॉर्ट में लिखना भी हो सकता है। रिवीजन के समय गहरी एकाग्रता और सतर्कता जरूरी है।
प्रत्येक अक्षर पर ध्यान केंद्रित किए बिना शब्दों की पहचान करना –
· सभी शब्दों को सुनाने के लिए नहीं
· कुछ वाक्यांशों को सब-वोकलाइज़ नहीं करना
· कुछ वाक्यांशों पर दूसरों की तुलना में कम समय व्यतीत करना
· छोटे वर्गों को स्किम करना
संरचना-प्रस्ताव-मूल्यांकन –
· यह तकनीक केवल गैर-काल्पनिक लेखन पर लागू होती है। आपको बस उन तीन चरणों पर टिके रहना है:
· सामग्री की तालिका, लेख के पैराग्राफ या पाठ के लेआउट की समीक्षा करें
· पाठ के कथनों का अध्ययन करें और उन्हें तार्किक क्रम या एक दूसरे के संबंध में रखें
· पाठ के अंतिम तर्कों और निष्कर्षों का मूल्यांकन करें
हर एक शब्द पढने से बचें...
पढ़ने से पहले टेक्स्ट का सर्वेक्षण कीजिए, जिससे पढ़ी जाने वाली किताब, लेख या सेक्शन को मोटे तौर पर जान सकें...
- हेडिंग को पढि़ए
- विषय-वस्तु सूची की सूचनाओं की व्यवस्था की जांच कीजिए
- हेडिंग और सब हेडिंग को पढि़ए
- ग्राफ, डायग्राम या टेबल को देखिए
- किसी प्रश्न या चैप्टर के अंत में दी गई समरी को पढि़ए
- चैप्टर के इंट्रोडक्शन और कन्क्लूजन को पढि़ए
- हरेक पैराग्राफ का पहला वाक्य पढि़ए
- अब आप उद्देश्य से संबंधित सेक्शन को पढ़ने के लिए तैयार हो गए हैं।
पढ़ते समय टेक्स्ट में होने वाले विचारों की प्रगति के प्रति सतर्क रहना चाहिए...
- हरेक शब्द पढ़ने के लालच से बचें
- खाली जगहों पर लिखते जाएं, वाक्यांशों को हाइलाइट करें सारांश लिखें, छोटे और बड़े पॉइंट्स पर विशेष ध्यान दें
- खुद से सवाल करें, जैसे- क्या दिया गया तर्क सही है? या इस तर्क से किसी तरह की तरफदारी की गई है? या लेखक के निष्कर्ष।
पढ़ने की तकनीक: सर्वेक्षण-प्रश्न-पढ़ें-सुनाना-समीक्षा –
किसी पाठ को पढ़ने का यह सबसे विस्तृत तरीका है। बाद में, पाठक पाठ की सामग्री को पढ़ाने में सक्षम होना चाहिए।
सर्वेक्षण : पाठ का त्वरित विचार प्राप्त करना, उदाहरण के लिए सार और सारांश पढ़ना।
प्रश्न : पाठक को पढ़ना शुरू करने से पहले प्रश्नों को नोट कर लेना चाहिए। पढ़ते समय उसे उन प्रश्नों का उत्तर खोजना चाहिए।
पढ़ें : ध्यान से पढ़ना।
पाठ करें: पहले से विकसित प्रश्नों का उत्तर पाठक को अपने शब्दों में देना चाहिए और केवल टेक्स्ट के कीवर्ड का उपयोग करना चाहिए।
समीक्षा : एक बार जब पाठक सवालों के जवाब दे चुका हो, तो उसे पूरे उत्पाद की समीक्षा करनी चाहिए।
By Chanchal Sailani | December 20, 2022, | Editor at Gurugrah_Blogs.
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