लाल क़िला –
लाल किला या लाल क़िला, दिल्ली के ऐतिहासिक, क़िलेबंद, पुरानी दिल्ली के इलाके में स्थित, लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। किले को “लाल किला”, इसकी दीवारों के लाल-लाल रंग के कारण कहा जाता है।
इस ऐतिहासिक किले को वर्ष 2007 में युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर स्थल चयनित किया गया था। भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किला देश की आन-बान शान और देश की आजादी का प्रतीक है। मुगल काल में बना यह ऐतिहासक स्मारक विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल है और भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। लाल किला के सौंदर्य, भव्यता और आर्कषण को देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं और इसकी शाही बनावट और अनूठी वास्तुकला की प्रशंसा करते हैं।
लाल किला वास्तुकला (आर्किटेक्चर) –
दिल्ली का लाल किला मुगल वास्तुकला की प्रतिभा को दर्शाता है, जो विभिन्न स्थानीय निर्माण की परंपराओं जैसे फारसी, तिमुरीद और हिंदू वास्तुकला के साथ मिश्रित है। लाल किला ने इसके बाद बने दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के प्रमुख स्मारकों की वास्तुकला को प्रभावित किया है।
लाल किला का इतिहास –
1648 ईसवी में बने इस भव्य किले के अंदर एक बेहद सुंदर संग्रहालय भी बना हुआ है। करीब 250 एकड़ जमीन में फैला यह भव्य किला मुगल राजशाही और ब्रिटिशर्स के खिलाफ गहरे संघर्ष की दास्तान बयां करता हैं। वहीं भारत का राष्ट्रीय गौरव माने जाना वाला इस किले का इतिहास बेहद दिलचस्प है I
यह शाही किला मुगल बादशाहों का न सिर्फ राजनीतिक केन्द्र है बल्कि यह औपचारिक केन्द्र भी हुआ करता था, जिस पर करीब 200 सालों तक मुगल वंश के शासकों का राज रहा। देश की जंग-ए-आजादी का गवाह रहा लाल किला मुगलकालीन वास्तुकला, सृजनात्मकता और सौंदर्य का अनुपम और अनूठा उदाहरण है।
लाल किला के अंदर क्या है? –
· मोती मस्जिद
· हयात बख्श बाग
· छत्ता चौक
· मुमताज महल
· रंग महल
· खास महल
· दीवान-ए-आम
· दीवान-ए-खास
· हीरा महल
· प्रिंसेस क्वार्टर
· टी हाउस
· नौबत खाना
· नहर-ए-बिहिश्तो
· हमाम
· बाओली
दिल्ली का लाल किला के बारे में मुख्य तथ्य –
· स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराना –
भारत के प्रधानमंत्री हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर राष्ट्रीय झंडा फहराते हैं। 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद से यह परंपरा चल रही है।
· लाल किला कभी सफेद किला था -
दिल्ली का लाल किला लाल रंग का है। लेकिन शायद आपको ये जानकार हैरानी होगी कि रेड फोर्ट कभी वाइट यानि सफेद रंग का हुआ करता था। लाल किला मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा बनवाया गया था। इतिहास में इसका कई जगह उल्लेख किया गया है कि लाल किला का रंग कभी सफेद हुआ करता था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार, इमारत के कुछ हिस्से चूने के पत्थर से बने थे। जब सफेद पत्थर अपनी जगह से निकलने लगे या खराब होने लगे, तो अंग्रेजों ने इमारत को लाल रंग से रंग दिया।
· किले का असली नाम –
लाल किला पहले कभी इस नाम से नहीं जाना जाता था? इसे मूल रूप से “किला-ए-मुबारक” के नाम से जाना जाता था। इतिहास में कई जगह इस बात का उल्लेख है कि शाहजहाँ ने इस किले का निर्माण उस समय करवाया था जब उसने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था। उस समय किले का नाम किला-ए-मुबारक था जिसके बाद उसका नाम लाल किला कर दिया गया। ऐसा भी कहा जाता है कि इसका निर्माण लाल पत्थर और ईंटों से किया गया था, इसलिए अंग्रेजों ने इसका नाम रेड फोर्ट रख दिया और स्थानीय लोग इसे लाल किला के नाम से बुलाते थे।
· किले को बनने में एक दशक का भी समय –आपको इस बात की हैरानी होगी कि किले को बनने में 10 साल का समय लगा था, मतलब पूरा एक दशक के बाद इस किले का निर्माण पूरा हुआ था। शाहजहाँ के समय के अग्रणी वास्तुकार उस्ताद हामिद और उस्ताद अहमद ने 1638 में इसका निर्माण शुरू किया था और अंत में इसे वर्ष 1648 में पूरा किया था। समय लगने का कारण वाजिब है, क्योंकि उस दौरान मशीनें होती नहीं थी और सामान भी सीमित होता था, लेकिन जिस खूबसूरती और मजबूती के साथ लाल किले को तैयार किया गया है उसका परिणाम आपके सामने है।
विश्व धरोहर स्थल –
लाल किले को 2007 में यूनेस्को द्वारा अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। भारत अपने इस वास्तुशिल्प खूबसूरती पर बहुत गर्व करता है जिसे हम सभी “लाल किले” के नाम से जानते हैं।
लाहौर गेट –
शानदार लाल किले के दो मुख्य द्वारों में दिल्ली गेट और लाहौर गेट शामिल हैं। लाहौर शहर की तरफ इसका मुख होने की वजह से इसका नाम लाहौर गेट पड़ा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत और पाकिस्तान एक समय में एक देश हुआ करते थे। आज भी लाल किले के दो प्रवेश द्वार हैं एक दिल्ली गेट और लाहौर गेट, दिल्ली गेट का इस्तेमाल जनता के लिए किले के प्रवेश द्वार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें, स्वतंत्रता दिवस पर, भारत के प्रधान मंत्री लाहौर गेट से ही राष्ट्रीय ध्वज फहराने आते हैं।
बहादुर शाह जफर अपने ही घर में बंदी –
अंतिम मुगल सम्राट, बहादुर शाह जफर ने 1857 में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया। जिसके बाद जब अंग्रेजों ने बहादुर शाह जफर को दोषी पाया तो उन्हें उनके ही घर यानि लाल किले में प्रताड़ित किया गया और बाद में इस इमारत में दीवान-ए-खास में ब्रिटिश अदालत ने उन्हें कैद कर दिया। इसके बाद उनसे उनकी उपाधि छीन ली गई और उन्हें रंगून (अब म्यांमार) भेज दिया गया।
किला पर्यटन –
1947 में भारत के आजाद होने पर ब्रिटिश सरकार ने यह परिसर भारतीय सेना के हवाले कर दिया था, तब से यहां सेना का कार्यालय बना हुआ था। 22 दिसम्बर 2003 को भारतीय सेना ने 56 साल पुराने अपने कार्यालय को हटाकर लाल किला खाली किया और एक समारोह में पर्यटन विभाग को सौंप दिया। इस समारोह में रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस ने कहा कि कि सशस्त्र सेनाओं का इतिहास लाल किले से जुड़ा हुआ है, पर अब हमारे इतिहास और विरासत के एक पहलू को दुनिया को दिखाने का समय है।
मुगल शहंशाह शाहजहां ने 1638 में लाल किले के निर्माण के आदेश दिये थे। लगभग इसी समय उसने आगरा में अपनी स्वर्गीय पत्नी की याद में ताजमहल बनवाना शुरू किया था। लाल किले पर 1739 में फारस के बादशाह नादिर शाह ने हमला किया था और वह अपने साथ यहां से स्वर्ण मयूर सिंहासन ले गया था, जो बाद में ईरानी शहंशाहों का प्रतीक बना।
1857 के गदर के बाद ब्रिटिश सेना ने लाल किले पर नियंत्रण कर लिया।
By Chanchal Sailani | November 15, 2022, | Editor at Gurugrah_Blogs.
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