लोकतंत्र –
लोकतंत्र क्या है? –
अरस्तू का मानना था कि लोकतंत्र सरकार का एक बेकार रूप है जिसमें बड़ी संख्या में गरीब वर्ग अपने वर्ग के लाभ के लिए भीड़ शासन का रूप लेते हुए शासन करने आते हैं। वहीं, अरस्तू ने लोकतंत्र को राजनीति का एक रूप माना। लोकतंत्र सरकार का एक रूप है जिसमें लोगों का यह कहना है कि उनका देश कैसे चलता है। लेकिन अलग-अलग समय और परिस्थितियों में शब्दावली के संदर्भ में विभिन्न अवधारणाओं के उपयोग के कारण इसकी अवधारणा कुछ जटिल हो गई है।
प्राचीनकाल से ही लोकतन्त्र के सन्दर्भ में कई प्रस्ताव रखे गये हैं, पर इनमें से कई कभी क्रियान्वित नहीं हुए। लोकतंत्र केवल राजनीतिक ,सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था का प्रकार ही नहीं बल्कि जीवन के प्रति विशेष दृष्टिकोण मैं भी उसका नाम है। प्रजातंत्र में सभी व्यक्तियों को एक दूसरे के प्रति वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा व्यवहार अपने प्रति पसंद लोगों से करते हैं।
कई विचारों के अनुसार प्रजातंत्र क्या है? –
इसको कुछ लोकप्रिय व्यक्तियों के विचारों से समझते हैं-
· ऐसे सरकार जहां की जनता शक्तिशाली हो।
· बहुत सारे लोगों का शासन।
· जनता का जनता के द्वारा जनता के लिए इसे लोकतंत्र कहा जाता है-अब्राहम लिंकन
· जिसमें जनता की सहभागिता हो उसे लोकतंत्र कहा जाता है-सिले।
· राज्य के शासन शक्ति समुदाय में एक सम लिस्ट के रूप में निहित इसे लोकतंत्र कहा जाता है -ब्राइस।
प्रजातंत्र की परिभाषा –
लोकतंत्र क्या है के साथ के साथ-साथ शामिल हैं जैसे कि प्रजा के प्रकार के रूप में ये प्रकार हैं जैसे कि एक प्रकार के रूप में परिवर्तित होते हैं। अलग-अलग अलग-अलग अलग-अलग अलग-अलग अलग-अलग समय अलग-अलग अलग-अलग हों।
प्रजातंत्र की विशेषताएं –
पहले यह भी जानिए कि प्रजातंत्र की विशेषताएं क्या हैं, जैसे कि-
· व्यस्क मताधिकार
· जनता की इच्छा सवोचच है।
· उत्तरदाई सरकार।
· जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि सरकार
· बहुमत द्वारा निर्णय
· निष्पक्ष तथा समय बधद चुनाव
· सरकार के निर्णय में सलाह दबाव तथा जनमन द्वारा जनता का हिस्सा
· निष्पक्ष न्यायपालिका तथा विधि का शासन
· विभिन्न राजनीतिक दलों तथा दबाव समूह की उपस्थिति
· समिति तथा संवैधानिक सरकार
· जनता के अधिकार तथा स्वतंत्रता की रक्षा सरकार का कर्तव्य होना
लोकतांत्रिक सरकार क्या है? –
प्रजातंत्र एक ऐसी शासन व्यवस्था है जिसमें जनता अपना शासक खुद चुनती है। लोकतांत्रिक सरकार का तात्पर्य है कि ऐसी सरकार जिसे जनता द्वारा, जनता के लिए और जनता के हित में चुना जाता है उसे ही लोकतांत्रिक सरकार कहते हैं।
लोकतंत्र के प्रकार –
(1) विशुद्ध या प्रत्यक्ष लोकतंत्र
(2) प्रतिनिधि सत्तात्मक या अप्रत्यक्ष लोकतंत्र
(1) विशुद्ध या प्रत्यक्ष लोकतंत्र –
वर्तमान में स्विट्जरलैंड में प्रत्यक्ष लोकतंत्र चलता है। इस प्रकार का लोकतंत्र प्राचीन यूनान के नगर राज्यों में पाया जाता था। प्रत्यक्ष लोकतंत्र से तात्पर्य है कि जिसमें देश के सभी नागरिक प्रत्यक्ष रूप से राज्य कार्य में भाग लेते हैं। इस प्रकार उनके विचार विमर्श से ही कोई फैसला लिया जाता है । प्रसिद्ध दार्शनिक रूसो ने ऐस लोकतंत्र को ही आदर्श व्यवस्था माना है।
(2) प्रतिनिधि सत्तात्मक या अप्रत्यक्ष लोकतंत्र –
कई देशों में आज का शासन प्रतिनिधि सत्तात्मक या अप्रत्यक्ष लोकतंत्र है जिसमें जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा निर्णय लिया जाता है इसमें देश की जनता सिर्फ अपना प्रतिनिधि चुनने में अपना योगदान देती है वह किसी शासन व्यवस्था और कानून निर्धारण लेने में भागीदारी नहीं निभाती है। इसे ही प्रतिनिधि सत्तात्मक या अप्रत्यक्ष लोकतंत्र कहते हैं।
लोकतंत्र का महत्व –
लोकतंत्रात्मक शासन अनेक प्रकार की आलोचना और दोषों के होते हुए लोकतंत्र का अपना एक अलग ही महत्व है।
1. लोगों की जरूरत के अनुरूप आचरण करने के मामले में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली किसी अन्य शासन प्रणाली से बहुत ही बेहतर है।
2. लोकतांत्रिक शासन पद्धति बाकी सभी पद्धति से बेहतर है क्योंकि यह आशंका अधिक जवाबदेही वाला स्वरूप होता है।
3. बेहतर निर्णय देने की संभावना बढ़ाने के लिए लोकतंत्र अलग ही भूमिका निभाता है।
4. लोकतंत्र मतभेदों और टकराव को संभलने का तरीका अलग ही तरीके से उपलब्ध कराता है।
5. लोकतंत्र जनता एवं नागरिकों का सम्मान बढ़ाता है।
6. लोकतांत्रिक व्यवस्था दूसरों से बेहतर है क्योंकि इसमें हमें अपनी गलती ठीक करने का अवसर भी दिया जाता है।
लोकतंत्र के गुण –
• उच्च आदर्शों पर आधारित
• जनकल्याण पर आधारित
• सार्वजनिक शिक्षण
• क्रांति से सुरक्षा
• परिवर्तनशील शासन व्यवस्था
• देश प्रेम की भावना का विकास
• चंदा में अपना विश्वास एवं उत्तरदायित्व की भावना का विकास
लोकतंत्र के दोष –
• लोकतंत्र अयोग्य लोगों का शासन है
• बहुमत द्वारा निर्णय युक्तिसंगत नहीं
प्रजातंत्र गुणों पर नहीं बल्कि संख्या पर बल देता है
• पेशेवर राजनीतिक लोग का बहुमूल्य
• खर्चीला शासन
• संकट काल के लिए अनुपयुक्त
• उग्र दलबंदी
लोकतंत्र की विशेषताएं –
1. लोकतंत्र में एक निश्चित समय के बाद दोबारा चुनाव होता है। अगर लोग अपने चुने हुए प्रतिनिधि या सरकार से खुश नहीं होते है। तो वह उनकी जगह पर एक नए प्रतिनिधि या सरकार का चुनाव स्वतंत्रता पूर्वक अपनी इच्छा के अनुसार कर सकते है।
2. लोकतंत्र में स्वतंत्रता के साथ और बिना कोई पक्षपात के चुनाव की व्यवस्था होती है। जिसकी जिम्मेदारी चुनाव आयोग के पास होती है।
3. प्रजातंत्र का सामान्य अर्थ उस राज्य सरकार से है। जिसमें शासन की अंतिम सत्ता लोगों के हाथों में होती है। जिसमें चुनाव का आधार सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार होता है।
4. प्रत्येक इंसान को एक निश्चित आयु के बाद उन्हें मत देने का अधिकार उन्हें प्राप्त हो जाता है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि मत देने वाला एक युवक है। या एक युवती। यह अधिकार समान रूप से हर किसी पर लागू होता है।
5. लोकतंत्र में आम इंसान को ही सत्ता का मुख्य स्रोत माना जाता है। क्योंकि आम इंसान ही यह निर्णय लेती है। कि इस बार कौन सा दल अपना सरकार बनाएगी ।
6. लोकतंत्र में हर व्यक्ति को मौलिक अधिकार दिया जाता है। इस मौलिक अधिकार के अंतर्गत हर व्यक्ति अपने भाव या विचार को प्रकट करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र होता है।
7. समाचार पत्रों तथा मीडिया को सरकार की नीतियों पर अपनी राय प्रकट करने की पूरी छूट होती है। उन नीतियों में क्या कमी है। और क्या लोगों के लिए अच्छा है। समाचार पत्र तथा मीडिया इस पर स्वतंत्रता पूर्वक अपने विचारों को प्रकट कर सकते है। इसलिए आज भी समाचार पत्रों तथा मीडिया को सरकार और एक आम नागरिक के बीच की सबसे अहम कड़ी माना जाता है।
8. लोकतंत्र सिर्फ एक शासन पद्धति ही नहीं बल्कि बल्कि एक जीवन शैली के रूप में भी कार्य करती है। जिसमें सभी वर्ग के लोग अपने धर्म का पालन पूरी निष्ठा के साथ कर सकते है। तथा वे किसी भी भाषा को या संस्कृति को अपनाने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होते है।
9. लोकतंत्र व्यवस्था आज के समय में बहुत ही उपयोगी साबित हुई है। ।और यह समय के अनुकूल भी है। इसके द्वारा व्यक्ति अपने अधिकारों की रक्षा कर सकता है। तथा अपने भाव या विचारों को सरकार तक एक सही ढंग से प् पहुंचा सकता है। इस लोकतंत्र व्यवस्था की मदद से राज्य की निरकुंसक्ता को रोकने तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका की व्यवस्था कर पाता है।
By Chanchal Sailani | October 13, 2022, | Editor at Gurugrah_Blogs.
Comments