बाल श्रम –
बाल-श्रम का मतलब यह है कि जिसमे कार्य करने वाला व्यक्ति कानून द्वारा निर्धारित आयु सीमा से छोटा होता है। इस प्रथा को कई देशों और अंतर्राष्ट्रीय संघठनों ने शोषित करने वाली प्रथा माना है। अतीत में बाल श्रम का कई प्रकार से उपयोग किया जाता था, लेकिन सार्वभौमिक स्कूली शिक्षा के साथ औद्योगीकरण, काम करने की स्थिति में परिवर्तन तथा कामगारों श्रम अधिकार और बच्चों अधिकार की अवधारणाओं के चलते इसमे जनविवाद प्रवेश कर गया। बाल श्रम अभी भी कुछ देशों में आम है।
बाल-श्रम समीक्षा –
वेश्यावृत्ति या उत्खनन, कृषि, माता पिता के व्यापार में मदद, अपना स्वयं का लघु व्यवसाय (जैसे खाने पीने की चीजे बेचना), या अन्य छोटे मोटे काम हो सकते हैं कुछ बच्चे के गाइड के रूप में काम करते हैं, कभी-कभी उन्हें दुकान और रेस्तरां (जहाँ वे वेटर के रूप में भी काम करते हैं) के काम में लगा दिया जाता है। अन्य बच्चों से बलपूर्वक परिश्रम-साध्य और दोहराव वाले काम लेते हैं जैसे :बक्से को बनाना, जूते पॉलिश,धनिया बेचना,स्टोर के उत्पादों को भंडारण करना और साफ-सफाई करना।
हालांकि, कारखानों और मिठाई की दूकान, के अलावा अधिकांश बच्चे अनौपचारिक क्षेत्र में काम करते हैं, जैसे “सड़कों पर कई चीज़ें बेचना, पटाकों के कारखानों में, कृषि में काम करना या [बच्चों का घरेलू कार्य|घरों में छिप कर काम करना] – ये कार्य सरकारी श्रम निरीक्षकों और मीडिया की जांच की पहुँच से दूर रहते है। “और ये सभी काम सभी प्रकार के मौसम में तथा न्यूनतम वेतन के लिए किया गया था यूनिसेफ के अनुसार, दुनिया में लगभग 2. 5 करोड बच्चे, जिनकी आयु 2-17 साल के बीच है वे बाल-श्रम में लिप्त हैं, जबकि इसमें घरेलू श्रम शामिल नहीं है।
सबसे व्यापक अस्वीकार कर देने वाले बाल-श्रम के रूप हैं जिनमे [बच्चों का सैन्य उपयोग] साथ ही बाल वेश्यावृत्ति . शामिल है। कम विवादास्पद और कुछ प्रतिबंधों के साथ कानूनी रूप से मान्य कुछ काम है जैसे बाल अभिनेता और बाल गायक, साथ ही साथ स्कूलवर्ष (सीजनल कार्य) के बाद का कार्य और अपना कोई व्यापार जो स्कूल के घंटों के बाद होने काम आदि शामिल है।
बच्चों के अधिकार –
यह अनुचित या शोषित माना जाता है यदि निश्चित उम्र से कम में कोई बच्चा घर के काम या स्कूल के काम को छोड़कर कोई अन्य काम करता है। किसी भी नियोक्ता को एक निश्चित आयु से कम के बच्चे को किराए पर रखने की अनुमति नहीं है। न्यूनतम आयु देश पर निर्भर करता किसी प्रतिष्ठान में बिना माता पिता की सहमति के न्यूनतम उम्र 16 वर्ष निर्धारित किया है।
औद्योगिक क्रांति में चार साल के कम उम्र के बच्चों को कई बार घातक और खतरनाक काम की स्थितियों के साथ उत्पादन वाले कारखाने में कार्यरत थे। अंग्रेजी श्रमिक वर्ग का बनना , (पेंगुइन, 168), पीपी. अब अमीर देशों ने मज़दूरों के रूप में बच्चों के इस्तेमाल को समझा है और इस आधार पर इसे मानव अधिकार का उल्लंघन माना हैं और इसे गैरकानूनी घोषित किया है जबकि कुछ गरीब देशों ने इसे बर्दाश्त या अनुमति दी है।
1990 के दशक में दुनिया के प्रत्येक देश ने सोमालिया और संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर बाल अधिकार के सम्मेलन, के दौरान हस्ताक्षर किए सबसे ताकतवर अंतराष्ट्रीय कानूनी भाषा है जो अवैध बाल श्रम पर रोक लगाता है, हालाँकि यह बाल श्रम को अवैध नहीं मानता है।
बाल श्रम के खिलाफ –
बाल श्रम औद्योगिक क्रांति.के आरम्भ के साथ ही प्रारम्भ हो गया उदाहरण के लिए, कार्ल मार्क्स ने अपने कम्युनिस्ट घोषणा पत्र . में कहा “ कारखानों में मौजूदा स्वरूप में बाल श्रम का त्याग “यह बात भी गौर करने योग्य है कि सार्वजनिक नैतिक सहापराध के जरिये ऐसे उत्पाद जो विकासशील देशों में एकत्रित या बाल श्रम से बने हैं उनके खरीद को हतोत्साहित किया जाये। दूसरों की चिंता है कि बाल श्रम से बने वस्तुओं का बहिष्कार करने पर यह बच्चे वेश्यावृत्ति या कृषि जैसे काम से अधिक खतरनाक या अति उत्साही व्यवसायों में जा सकते हैं।
उदाहरण के लिए, एक यूनिसेफ के एक अध्ययन में पाया गया कि 5000 से 7000 नेपाली बच्चे वेश्यावृत्ति के तरफ मूड गए इसके अलावा अमेरिका में बाल श्रम निवारण अधिनियम (1986) के लागू होने के बाद, एक अनुमान के अनुसार 50000 बच्चों को बंगलादेश में उनके परिधान उद्योग में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था और बहुत से लोग “पत्थर तोड़ने, गलिओं में धकके खाना और वेश्यावृत्ति” गए -- -
यह सब के सब तथ्य यूनिसेफ एक अध्ययन के आधार पर आधारित है। ये सारे कार्य “ वस्त्र उत्पादन की तुलना में अधिक खतरनाक और विस्फोटक है “इस अध्ययन से यह निष्कर्ष निकलता है कि “ भुथरे उपकरणों के दीर्घकालिक प्रयोग की भांति ऐसे परिणाम से बच्चो को फायदा की जगह हानि ज्यादा हो सकता है”।
बाल श्रम पर कानून –
1. क्या बच्चों को काम पर रखना क़ानूनी है?
नहीं, 14 साल से कम उम्र के बच्चों को काम देना गैर-क़ानूनी है; हालाँकि इस नियम के कुछ अपवाद हैं जैसे की पारिवारिक व्यवसायों में बच्चे स्कूल से वापस आकर या गर्मी की छुट्टियों में काम कर सकते हैं l इसी तरह फिल्मों में बाल कलाकारों को काम करने की अनुमति है, खेल से जुड़ी गतिविधियों में भी वह भाग ले सकते हैं l
14-18 वर्ष की आयु के बच्चों को काम पर रखा जा सकता है (जो किशोर/किशोरी की श्रेणी में आते हैं) यदि कार्यस्थल सूची में शामिल खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रिया से न जुड़ा हो l
2. यदि कोई व्यक्ति मेरे आस-पड़ोस में बच्चों से काम करवाता है, तो इस बारे में मैं क्या कर सकती हूँ ?
यदि आपने इस क़ानून का उल्लंघन होते हुए देखा है तो आप इसकी शिकायत पुलिस या मजिस्ट्रेट से कर सकती हैं l आप बच्चों के अधिकारों पर काम करने वाली सामाजिक संस्थाओं की नज़र में भी यह ला सकती हैं जो मुद्दे को आगे तक ले जा सकते हैंl एक पुलिस अधिकारी या बाल मज़दूर इंस्पेक्टर भी शिकायत कर सकते हैं l
यह अपराध संज्ञेय अपराधों की श्रेणी में आता है, यानिकी/अर्थात इस कानून का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने पर वारंट की गैर-मौजूदगी में भी गिरफ़्तारी या जाँच की जा सकती है l
3. इस क़ानून का उल्लंघन करते हुए बच्चों को काम पर रखने पर क्या सज़ा दी जा सकती है ?
कोई भी व्यक्ति जो 14 साल से कम उम्र के बच्चे से काम करवाता है अथवा 14-18 वर्ष के बच्चे को किसी खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रिया में काम देता है, उसे 6 महीने – 2 साल तक की जेल की सज़ा हो सकती है और साथ ही 20,000 -50,000 रूपए तक का जुर्माना भी हो सकता है l
रजिस्टर न रखना, काम करवाने की समय-सीमा न तय करना और स्वास्थ्य व सुरक्षा सम्बन्धी अन्य उल्लंघनों के लिए भी इस कानून के तहत 1 महीने तक की जेल और साथ ही 10,000 रूपए तक का जुर्माना भरने की सज़ा हो सकती है l यदि आरोपी ने पहली बार इस कानून के तहत कोई अपराध किया है तो केस का समाधान तय किया गया जुर्माना अदा करने से भी किया जा सकता है l
इस क़ानून के अलावा और भी ऐसे अधिनियम हैं (जैसे की फैक्ट्रीज अधिनियम, खान अधिनियम, शिपिंग अधिनियम ,मोटर परिवहन श्रमिक अधिनियम इत्यादि ) जिनके तहत बच्चों को काम पर रखने के लिए सज़ा का प्रावधान है, पर बाल मज़दूरी करवाने के अपराध के लिए अभियोजन बाल मज़दूर कानून के तहत ही होगा l
4. इस कानून के तहत संरक्षित किये गए बच्चों के साथ क्या होता है ?
इस क़ानून का उल्लंघन करने वाली परिस्थितियों से जिन बच्चों को बचाया जाता है उनका नए कानून के तहत पुनर्वास किया जाना चाहिए l ऐसे बच्चे जिन्हें देख-भाल और सुरक्षा की आवश्यकता है, उन पर किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं सुरक्षा) अधिनियम 2025 लागू होता है l
5. क्या बच्चों का पारिवारिक व्यवसाय में काम करना क़ानूनी है ?
हाँ, 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को पारिवारिक व्यवसाय में नियोजित किया जा सकता है l ऐसे व्यापार जिनका संचालन किसी करीबी रिश्तेदार (माता, पिता, भाई या बहन) या दूर के रिश्तेदार (पिता की बहन और भाई, या माँ के बहन और भाई) द्वारा किया जाता है, वह इस परिभाषा में शामिल हैं l
यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि पारिवारिक व्यापार इस क़ानून के तहत परिभाषित खतरनाक प्रक्रिया या पदार्थ से जुड़ा न हो l ऊर्जा/बिजली उत्पादन से जुड़े उद्योग, खान, विस्फोटक पदार्थों से जुड़े उद्योग इस परिभाषा में शामिल हैं l खतरनाक व्यवसाय एवं प्रक्रिया की परिभाषा में सभी शामिल व्यवसायों की सूची यहाँ पढ़ें l
हालाँकि बच्चे पारिवारिक व्यवसाय में सहयोग दे सकते हैं, यह सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि इससे उनकी पढ़ाई पर कोई असर न पड़े, इस हेतु उन्हें स्कूल से आने के बाद या छुट्टियों में ही काम करना चाहिए l
6. क्या माता-पिता/अभिभावकों को अपने बच्चों को काम करने की अनुमति देने के लिए दंडित किया जा सकता है?
सामान्यतः बच्चों के माता-पिता /अभिभावकों को अपने बच्चों को इस कानून के विरुद्ध काम करने की अनुमति देने के लिए सज़ा नहीं दी जा सकती है परन्तु यदि किसी 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को व्यावसायिक उद्देश्य से काम करवाया जाता है या फिर किसी 14-18 वर्ष की आयु के बच्चे को किसी खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रिया में काम करवाया जाता है तो यह प्रतिरक्षा लागू नहीं होती और उन्हें सज़ा दी जा सकती है l
क़ानून उन्हें अपनी भूल सुधारने का एक अवसर देता है, यदि वह ऐसा करते हुए पहली बार पकड़े जाते हैं तो वह इसे समाधान/समझौते की प्रक्रिया से निपटा सकते हैं, पर यदि वह फिर से अपने बच्चे को इस क़ानून का उल्लंघन करते हुए काम करवाते हैं तो उन्हें 10,000 रूपए तक का जुर्माना हो सकता है l
By Chanchal Sailani | December 20, 2022, | Editor at Gurugrah_Blogs.
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